बंगाल के शहरी क्षेत्रों में अब और सरल होगा बिल्डिंग प्लान का अनुमोदन

कोलकाता, 26 फरवरी (हि.स.)। राज्य के सभी नगरपालिका क्षेत्रों में बिल्डिंग प्लान के अनुमोदन के कार्य को राज्य सरकार अब और भी सरल करने जा रही है। अब तक राज्य के सभी नगरपालिका क्षेत्रों में नये मकानों के डिजाइन को पार्षद बोर्ड मंजूरी देता था। इस व्यवस्था को अब बदला जा रहा है। अब से चेयरमैन के नेतृत्व वाली विशेष कमेटी यह काम करेगी। कमिटी के अध्यक्ष नगरपालिका के चेयरमैन होंगे। साथ ही इस कमेटी में वाइस चेयरमैन, पार्षद बोर्ड द्वारा नामित एक पार्षद, नगर पालिका के एक वित्त अधिकारी और नगर पालिका के एक इंजीनियर होंगे। सूत्रों के अनुसार इसके लिए जल्द ही कानून में भी संशोधन किए जाएंगे।

प्रदेश सचिवालय नवान्न सूत्रों के अनुसार कोलकाता नगर निगम में भवन योजनाओं को मंजूरी देने के लिए एक अलग समिति थी, लेकिन राज्य की अन्य नगर पालिकाओं में ऐसा नहीं था। अब तक सभी नगर पालिकाओं में बिल्डिंग प्लान को पार्षद बोर्ड मंजूरी देता था। लेकिन हकीकत तो यह है कि पार्षद बोर्ड की बैठकें कितनी बार होंगी, इसका कोई नियम नहीं है। यह सब चेयरमैन पर निर्भर करता है। चेयरमैन के व्यस्त हो जाने पर बैठक स्थगित कर दी जाती है। नतीजा यह होता है कि कई बार बिल्डिंग प्लान की मंजूरी का काम अटक जाता है। यदि किसी कारणवश नगर पालिका में बोर्ड का गठन संभव नहीं है तो पार्षद बोर्ड अस्तित्व में नहीं है। फिर बिल्डिंग प्लान की मंजूरी की प्रक्रिया रोक दी जाती है। इस समस्या से निपटने के लिए बंगाल नगरपालिका अधिनियम में संशोधन कर बिल्डिंग को मंजूरी देने की शक्ति समिति को दी जा रही है। परिणामस्वरूप, उपनगरीय क्षेत्रों में बिल्डिंग प्लान को मंजूरी और भी सरल हो जाएगी।

इसके अलावा बिल्डिंग प्लान की मंजूरी का अधिकार भी समिति को सौंपने के पीछे एक और मुद्दा है। वह मुद्दा है भ्रष्टाचार को रोकना। ऐसा प्रतीत होता है कि प्रत्येक नगर पालिका में पार्षद मंडल के अधिकांश सदस्य सत्तारूढ़ दल द्वारा नामित होते हैं। ऐसे में कई बार उन पर राजनीतिक पूर्वाग्रह का आरोप लगता है। अलग से कमेटी बनने पर कोई दोष नहीं दे पाएगा।

संशोधित कानून के अनुसार, एक बार भवन योजना को नगर पालिका द्वारा मंजूरी मिलने के बाद, यह तीन साल के लिए वैध होगा। उस अवधि की समाप्ति के बाद इसे अगले दो वर्षों के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है। इसके लिए कितनी फीस देनी होगी इसका निर्णय काउंसिल में चेयरमैन लेंगे। हिन्दुस्थान समाचार /धनंजय /गंगा

   

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