सरकार ने आरसीए की मौजूदा कार्यकारिणी को किया भंग, एडहॉक कमेटी का गठन

जयपुर, 29 मार्च (हि.स.)। राज्य सरकार ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (आरसीए) में हुई भारी वित्तीय अनियमिताओं (बकाया रुपए) के बाद मौजूदा कार्यकारिणी को भंग कर दिया है। सहकारिता रजिस्ट्रार अर्चना सिंह ने गुरुवार देर रात मौजूदा कार्यकारिणी को भंग करने के साथ ही एडहॉक कमेटी का गठन भी किया है। इसमें बीजेपी विधायक और श्रीगंगानगर जिला क्रिकेट संघ के कोषाध्यक्ष जयदीप बिहानी को संयोजक बनाया है। चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के बेटे धनंजय सिंह, पाली जिला क्रिकेट संघ के सचिव धर्मवीर सिंह, झुंझुनूं जिला क्रिकेट संघ के सचिव हरिश्चंद्र सिंह, बीकानेर जिला क्रिकेट संघ के सचिव रतन सिंह और अलवर जिला क्रिकेट संघ के सचिव पवन गोयल को कमेटी का सदस्य बनाया गया है।

राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की मौजूदा कार्यकारिणी को भंग करने के बाद अब चुनाव प्रक्रिया पर भी रोक लगाई है। ऐसे में अब आरसीए की पांच सदस्य एडहॉक कमेटी की देखरेख में काम करेगी। लोकसभा चुनाव के बाद तीन महीने में आरसीए कार्यकारिणी के चुनाव आयोजित करवाए जाएंगे। इसमें अध्यक्ष समेत सभी छह पदों पर प्रत्याशी चुनाव लड़ सकेंगे। भाजपा खेल प्रकोष्ठ के संयोजक और दौसा क्रिकेट संघ के सचिव बृज किशोर उपाध्याय ने बताया कि सरकार ने मौजूदा कार्यकारिणी को भंग कर राजस्थान क्रिकेट में चल रही लूटपाट और तानाशाही को समाप्त कर दिया है। खेल परिषद ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं और नियमों की अवहेलना को लेकर 22 फरवरी को कार्रवाई करते हुए आरसीए ऑफिस सील कर दिया था। इसके बाद राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से 29 फरवरी, चार मार्च, 12 मार्च और 19 मार्च को सहकारिता विभाग में अपना पक्ष भी रखा गया। इस दौरान आरसीए के पदाधिकारियों ने ऑफिस सील होने की वजह से दस्तावेज नहीं जमा करने की बात कही। इस पर जांच अधिकारी ने नाराजगी जाहिर कर 28 मार्च तक आरसीए पदाधिकारियों को अपना पक्ष रखने का अंतिम मौका दिया था।

दूसरी तरफ आरसीए ने चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इसके बाद दौसा, चूरू समेत कुछ जिला संघों के पदाधिकारियों ने मुख्य चुनाव अधिकारी सुनील अरोड़ा से मिलकर शिकायत भी दर्ज कराई थी। लेकिन चुनाव प्रक्रिया में बदलाव नहीं हुआ था। आखिर देर रात मौजूदा कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन पर चल रहे 30 करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया, आठ करोड़ रुपए के बिजली का बिल, नगर निगम के 98 लाख का बकाया, जिला संघों को मिलने वाली राशि और आरसीए द्वारा किए गए भुगतान में गड़बड़ी मिली थी। इसकी जानकारी सरकार और सहकारिता विभाग ने आरसीए से मांगी थी, लेकिन आरसीए ने यह जानकारी नहीं उपलब्ध करवाई।

हिन्दुस्थान समाचार/रोहित/ईश्वर

   

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