कपालभाति क्रिया अपनाकर 99 प्रतिशत विकारों से पाएं मुक्ति : योगी ज्वाला सिंह

मीरजापुर, 13 अप्रैल (हि.स.)। पतंजलि युवा भारत एवं विंध्य योग सेवा धाम के संयुक्त तत्वाधान में पांच दिवसीय योग शिविर के अंतिम दिन शनिवार को नगर के गणेशगंज स्थित केबीपीजी कॉलेज के बीएड विभाग में योग विशेष कार्यशाला का समापन हुआ। अभ्यर्थियों को पुरस्कृत कर उन्हें प्रमाणपत्र के साथ योग संदेश आयुर्वेद पत्रिका भेंट की गई।

इस मौके पर योग गुरु योगी ज्वाला सिंह ने कहा कि व्यक्ति केवल प्राणायाम में कपालभाति की एक क्रिया को अपना लें तो वह अपनी शरीर के 99 प्रतिशत विकारों व रोगों से मुक्ति पा सकता है।

पतंजलि युवा भारत के राज्य महामंत्री व राष्ट्रीय योगासन जज योग गुरु योगी ज्वाला सिंह ने योग कार्यशाला के समापन अवसर पर बीएड अभ्यर्थियों को स्वास्थ्य से सम्बन्धित विभिन्न आयाम जैसे शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक, सामाजिक व भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए अष्टांग योग के बारे में बताया।

उन्होंने कहा कि महर्षि पतंजलि ने मानव स्वास्थ्य को पूर्ण रूप से बेहतर बनाने के लिए आठ अंग बताएं है। इसमें यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान व समाधि के बारे में बताया है। यम के अंतर्गत पांच भेद हैं, जहां सत्य, अहिंसा, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह के साथ नियम के पांच भेद में शौच, संतोष, तप, स्वाध्याय व ईश्वर प्रणिधान, जिसने इसको स्वीकार कर अपने जीवन में आत्मसात कर लिया वह अपने जीवन की वास्तविकताओं की अनुभूति कर अपने को पूर्ण रूप से स्वस्थ, निरोग और सुंदर बना सकता है। इस दौरान विभागाध्यक्ष डा. भवभूति मिश्र, प्रो. भानुप्रताप सिंह, उमाकात यादव आदि मौजूद रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/गिरजा शंकर/राजेश

   

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