लोस चुनाव : मैनपुरी में अब तक नहीं टूटा रघुनाथ सिंह का रिकार्ड

मैनपुरी, 05 मई (हि.स.)। समाजवादी पार्टी का गढ़ माने जाने वाली सीट मैनपुरी पर रघुनाथ सिंह के 78.60 फीसदी वोट पाने का रिकार्ड कोई दूसरा अब तक तोड़ नहीं पाया। इस सीट से सपा और कांग्रेस के बड़े नेता जीत हासिल कर चुके हैं, लेकिन रघुनाथ सिंह का रिकार्ड तोड़ना तो दूर पिछले 42 वर्षो में कोई उसके आस-पास भी पहुंच नहीं सका। 1996 से लगातार इस सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है। उल्लेखनीय है कि तीसरे चरण में सात मई को मैनपुरी में मतदान होगा।

मैनपुरी संसदीय सीट से कांग्रेस के बादशाह गुप्ता,बंसी दास ढींगरा, महाराज सिंह जैसे दिग्गज जीत चुके हैं। जनता पार्टी सेक्युलर के रघुनाथ सिंह वर्मा, मुलायम सिंह के गुरु उदय प्रताप सिंह जनता दल और जनता पार्टी की टिकट पर दिल्ली पहुंच चुके हैं। वहीं सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव, वरिष्ठ सपा नेता बलराम सिंह यादव, मुलायम सिंह की बहू डिंपल यादव, भतीजे धर्मेन्द्र यादव और पोते तेज प्रताप यादव जीत हासिल कर चुके हैं। बावजूद इसके रघुनाथ सिंह का रिकार्ड अब तक कायम है।

1977 में रघुनाथ सिंह को मिले थे 78.60 फीसदी वोट

पांचवीं लोकसभा के 1977 में हुए चुनाव में देशभर में कांग्रेस विरोध की प्रचंड लहर थी। इस लहर का असर उत्तर प्रदेश में देखने का मिला। भारतीय लोकदल (बीएलडी) ने सूबे की सभी 85 सीटों पर विजय पताका फहरा कर कांग्रेस को शून्य पर बोल्ड किया था। बीएलडी के ज्यादातर प्रत्याशियों ने 60 फीसदी से ऊपर वोट हासिल किए थे। बात मैनपुरी सीट की कि जाए तो इस सीट पर भारतीय लोकदल प्रत्याशी रघुनाथ सिंह वर्मा 78.60 फीसदी वोट पाकर कुर्सी पर काबिज हुए। दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के महाराज सिंह को 17.46 फीसदी वोट हासिल हुए। इस चुनाव में मैनपुरी सीट पर चार प्रत्याशी मैदान में थे, जिनमें दो निर्दलीय थे। कुल 368,223 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।

2004 में मुलायम सिंह को मिले थे 63.96 फीसदी वोट

सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने पांच बार इस सीट पर जीत हासिल की। 1996 में मुलायम सिंह ने अपना पहला और 2019 में अंतिम चुनाव यहां से लड़ा। 1996 के चुनाव में मुलायम सिंह को 42.75 फीसदी, 2004 में 63.96 फीसदी वोट हासिल हुए और जीत का सेहरा उनके माथे बंधा। 1998 और 1999 का चुनाव यहां से सपा प्रत्याशी बलराम सिंह यादव ने जीता। उन्हें क्रमश: 41.69 और 42.86 फीसदी वोट हासिल हुए। 2009 के चुनाव में मुलायम सिंह मैनपुरी से विजयी रहे, उन्हें 56.44 फीसदी वोट मिले। 2014 में मुलायम सिंह के खाते में 59.63 आए और वो दिल्ली पहुंचे। 2019 के चुनाव में 53.66 फीसदी वोट पाकर जीते। दूसरे नंबर पर रहे भाजपा प्रत्याशी प्रेम सिंह शाक्य को 44.01 फीसदी वोट मिले।

तेज प्रताप यादव को मिले थे 64.66 फीसदी वोट

2014 में मुलायम ने आजमगढ़ और मैनपुरी दो सीटों पर चुनाव लड़ा था। दोनों सीटों पर उनकी जीत हुई थी। बाद में मुलायम ने मैनपुरी सीट छोड़ दी थी। 2014 में मैनपुरी में हुए उपचुनाव में सपा ने तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा। तेज प्रताप यादव 64.66 फीसदी वोट पाकर विजयी घोषित हुए। भाजपा के प्रेम सिंह शाक्य 32.79 फीसदी वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे। 2004 में जब मुलायम ने जीत के बाद यह सीट छोड़ी तो उपुचनाव में उनके भतीजे धर्मेन्द्र यादव ने 62.64 फीसदी वोट पाकर जीत का झंडा गाड़ा।

2022 उपचुनाव में डिंपल को मिले 64.08 फीसदी वोट

सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद 2022 में मैनपुरी संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में उनकी बहू डिंपल यादव मैदान में उतरी। डिंपल यादव 64.08 फीसदी वोट पाकर दिल्ली पहुंची। भाजपा प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य 34.18 फीसदी वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ.आशीष वशिष्ठ/राजेश

   

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