67वां राष्ट्रीय शालेय खेल समारोह सम्पन्न

जयपुर, 4 फ़रवरी (हि.स.)। 67वें राष्ट्रीय शालेय खेल (योगासन,14 वर्ष तक की आयु श्रेणी के बालक- बालिका) का समापन समारोह विभिन्न रंगारंग कार्यक्रमों के साथ उर्जित परिवेश में हर्षोल्लास के साथ रविवार को केन्द्रीय विद्यालय एक बजाज नगर जयपुर में सम्पन्न हुआ।

समापन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर पद्मश्री अवनि लेखरा, विशिष्ट अतिथि के रूप में एन. आर. मुरली, अपर आयुक्त,के. वि. सं., मुख्यालय, नई दिल्ली तथा यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के क्षेत्र प्रमुख प्रांजल बाजपेयी, राजस्थान विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा विभाग की सहायक निदेशक डॉक्टर प्रतिभा रत्नु ने कार्यक्रम में शिरकत कर कार्यक्रम के शोभा वर्धन के साथ साथ प्रतिभागियों का मनोबल वर्धन किया।

एस.जी.एफ.आई. के झंडे तले योगासन से सम्बंधित विभिन्न सर्वश्रेष्ट आसन प्रतियोगिताओं में अपने कौशल का जलवा बिखेरने देश भर के बीस राज्यों, तीन केंद्र शासित प्रदेशों एवं सात संस्थाओं के 186 छात्र एवं 188 छात्राओं ने अपने जज्बे एवं कौशल का विभिन्न आसनों के माध्यम से प्रदर्शन किया।

मुख्य अतिथि पद्मश्री अवनि लेखरा ने अपने उद्बोधन में प्रतिभागियों को प्रोत्साहन देते हुए योग को दृढ मनोस्थिति का विस्तार सूचक बताते हुए विपरीत परिस्थितियों में भी जीवन का वह महत्वपूर्ण हिस्सा बताया जो हमें शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक स्वास्थ्य की दिशा में मार्ग निर्देशित करता है। योग एवं उससे जुड़े आसन उर्जा के स्तर को रूपांतरित करते हुए मानसिक सबलता प्रदान करते हैं जो जीवन के हर क्षेत्र में दमदार उपस्थिति हेतु आवश्यक है।

वहीं विशिष्ट अतिथि एन. आर. मुरली ने चार दिवसीय खेल प्रतियोगिता में प्रतिभागियों के सर्वाेत्तम प्रदर्शन को सराहते हुए विद्यार्थियों की प्रतिभा एवं कौशल को उर्जा के नवीन आयाम बताते हुए इस राष्ट्रीय धरोहर के पुष्पन एवं पल्लवन के साथ साथ इस तरह के आयोजनों को वर्तमान पीढ़ी का मार्गनिर्देशक बताया।

बी.एल.मोरोडिया, उपायुक्त केन्द्रीय विद्यालय संगठन, क्षेत्रीय कार्यालय, जयपुर संभाग ने इस सम्पूर्ण आयोजन को शारीरिक क्षमता बढ़ाने के साथ साथ जीवन ऊर्जा को शानदार और सकारात्मक रूप से बलवती करने का माध्यम आत्म संबोधन और शांति का सुदृढ़ अहसास कराने के साथ समय को साझा करने, संगीत, प्रदर्शन, और योग अभ्यास का आनंद लेने का अभूतपूर्व अवसर बताया। स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के पर्यवेक्षक योगेश पाल ने कार्यक्रम की व्यवस्थाओं की भूरि भूरि प्रशंसा की तथा सॉफ्टवेयर आधारित मूल्यांकन व्यवस्था की सराहना की।

हिन्दुस्थान समाचार/ दिनेश सैनी/ईश्वर

   

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