महिलाओं एवं बच्चों के कल्याण संबंधी योजनाओं का कराएं प्रभावी क्रियान्वयनः कलेक्टर

इंदौर, 9 फरवरी (हि.स.)। कलेक्टर आशीष सिंह ने निर्देश दिए कि इंदौर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं एवं कार्यक्रमों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। यह प्रयास किया जाए कि योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ हर पात्र हितग्राही तक अनिवार्य रूप से पहुंचे। महिलाओं और बच्चों की देखरेख के लिए संचालित संस्थाओं के सभी शासकीय भवनों की देखरेख, साफ-सफाई, उन्नयन तथा सुरक्षा प्रबंधों पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने उक्त संस्थाओं के शासकीय भवनों की मरम्मत और उन्नयन के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी दिये।

कलेक्टर आशीष सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति एवं वन स्टॉप सेन्टर (सखी केन्द्र) की मॉनीटरिंग समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की गतिविधियों संबंधी विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा हुई। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन, महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी रामनिवास बुधोलिया सहित महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी और संबंधित संस्थाओं के पदाधिकारी मौजूद थे।

बैठक में कलेक्टर को इन्दौर जिले में संचालित बाल देखरेख संस्थाओं के बारे में जानकारी दी। कलेक्टर ने इन संस्थाओं की कुल क्षमता, दर्ज बच्चों की संख्या, पुनर्वास के लिए शिक्षण-प्रशिक्षण, सुरक्षा व्यवस्था आदि की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि इन संस्थाओं के शासकीय भवनों की देखरेख, साफ-सफाई, उन्नयन तथा सुरक्षा प्रबंधों पर विशेष ध्यान दिया जाए। इन भवनों की मरम्मत और उन्नयन के लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी दिये।

बैठक में मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा योजना, फॉस्टर केयर/स्पॉन्सरशीप योजना, मिशन वात्सल्य, पी.एम.केयर फॉर चिल्ड्रन योजना, मुख्यमंत्री बाल आर्शीर्वाद योजना, दत्तक ग्रहण योजना आदि योजनाओं तथा कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। बैठक में बताया गया कि मुख्यमंत्री कोविड बाल सेवा योजना के तहत वर्तमान में 46 बच्चों को पांच हजार रुपये प्रतिमाह की राशि उपलब्ध कराई जा रही है। फॉस्टर केयर/स्पॉन्सरशीप योजना में 42 बच्चों के प्रकरण स्वीकृत किए गये हैं। मिशन वात्सल्य कार्यक्रम में 1 हजार 71 बच्चों को लाभांवित किया जा रहा है। पी.एम.केयर फॉर चिल्ड्रन योजना में 32 बच्चों को आर्थिक सहायता दी गई है। मुख्यमंत्री बाल आर्शीर्वाद योजना में 141 बच्चों के प्रकरण स्वीकृत किए गये हैं।

बैठक में वन स्टॉप सखी केन्द्र की गतिविधियों के बारे में भी चर्चा की गई। बताया गया कि इंदौर के साथ ही अब महू में भी वन स्टॉप सखी केंद्र शुरू किया गया है। बैठक में स्कूली बालिकाओं की सुरक्षा के संबंध में भी चर्चा की गई। बताया गया कि ऐसे स्कूल जिनमें बालिकाओं को लाने ले जाने का कार्य प्रायवेट वाहन करते हैं, उनकी जानकारी स्कूलवार एकत्रित की जायेगी। इन वाहनों के चालक-परिचालकों को विशेष प्रशिक्षण दिया जायेगा।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/नेहा

   

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