सीबीआई की विशेष अदालत ने बहुचर्चित बंदूक लाइसेंस घोटाले में 21 आरोपित किए जाएंगे पेश 26 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई !

सीबीआई की विशेष अदालत ने बहुचर्चित बंदूक लाइसेंस घोटाले से संबंधित मामले में 21 आरोपितों को सुनवाई के लिए उपस्थित होने का आदेश दिया है। अदालत की विशेष जज भ्रष्टाचार निरोधक ज्योति बाला ने विशेष अभियोजन अधिकारी अश्विनी खजूरिया के माध्यम से ईडी की जम्मू इकाई द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत दायर एक शिकायत का संज्ञान लेने के बाद यह आदेश जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी। सभी आरोपितों को उस दिन अदालत में उपस्थित होना होगा। चार पेज पर आधारित अपने आदेश में विशेष जज ज्योति बाला ने कहा है कि शिकायत की सामग्री और रिकॉर्ड पर मौजूद संपूर्ण सामग्री का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया गया। इससे पता चलता है कि प्रथम दृष्टया आरोपित व्यक्ति ने पीएमएलए के तहत अपराध किया है। इसलिए उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए ऐसी प्रक्रिया जारी की जानी चाहिए। इसलिए संबंधित कार्यालय को आरोपितों को पेश होने और सुनवाई की अगली तारीख पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी करने का आदेश दिया जाता है। उल्लेखनीय है कि जम्मू कश्मीर में वर्ष 2012 से 2016 तक नियमों की अनदेखी कर भारी मात्रा में बंदूकों के लाइसेंस जारी किए जाने के आरोपों के आधार पर सीबीआई ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर रखी है। सीबीआई ने इस मामले में अगस्त 2018 में एफआईआर दर्ज की थी। उसके आधार पर ईडी ने मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज किया है। ईडी के मुताबिकए नियमों की अनदेखी कर विभिन्न केंद्रीय अर्ध सैन्य बल कर्मियों को 2ण्78 लाख लाइसेंस जारी किए गए हैं। बदले में उनसे एक मोटी रकम ली गई है। ईडी ने अप्रैल 2022 में इस मामले में एक आईएएस अधिकारी के अलावा जम्मू कश्मीर प्रशासनिक सेवा के कुछ अधिकारियों व अन्य सरकारी कर्मियों और कुछ दलालों से संबंधित 4.69 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति भी अटैच की है। ईडी के मुताबिकए उसने कुछ ऐसे दस्तावेज जब्त किए हैं जो कथित तौर पर 2012 और 2016 के बीच जम्मू और कश्मीर में अवैध हथियार लाइसेंस जारी करने में हथियार डीलरों और नौकरशाहों के बीच लेनदेन का संकेत देते हैं। ईडी के मुताबिक जम्मू कश्मीर के कुछ सरकारी अधिकारियों ने अपने पद और प्रतिष्ठा का दुरुपयोग करए कई हथियार डीलरों व दलालों के साथ मिलकरए पैसे के लालच में हथियार लाइसेंस जारी करने के मानदंडों, प्रक्रिया और नियमों का खुलेआम उल्लंघन किया है। इस मामले के आरोपितों में आईएएस अधिकारी राजीव रंजन पूर्व डीसी कुपवाड़ा और केएएस अधिकारी इतरत हुसैन पूर्व डीसी कुपवाड़ा शामिल हैं। जिन्हें 2020 में मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था।

   

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